ज़िन्दगी
ज़िन्दगी एक स्वप्न है
वास्तविकता से दूर,
नैराशय के टूटे खंडहरों में
दुख और व्यथा से पूर्ण,
बहता रहता है जहाँ
सुख-दुख का अथाह सागर ।
सृष्टि के इस महान रहस्य को
कोई नहीं जान पाता
प्रयत्न करता है यदि कोई
स्वयं उलझ जाता है
विश्व रूपी पिंजड़े में ।
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