Wednesday, October 9, 2024

नई राजनीति की शुरुआत

 

वास्तव में केजरीवाल एक अजूबा ही है। नाम आम आदमी पार्टी और रुतबा चाहते हैं खास का। ये कांग्रेस के भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ते हुए नई तरह की राजनीति की शुरुआत करने आये थे किन्तु इन्होंने प्रारम्भ से ही मोदी सरकार के खिलाफ न केवल झंडा उठाया वरन उनके खिलाफ बनारस से उम्मीदवार भी बने। यह तो देश का सौभाग्य है कि लोगों ने इन्हें नहीं वरन मोदी को चुना। 
इनकी पार्टी सिर्फ देश विरोधियों के साथ मिलकर अराजकता फैलाना चाहती है। भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़े गये केजरीवाल ने संविधान कि आड़ लेकर पद त्याग भी नहीं किया। उससे भी बड़ी बात यह हुई कि सर्वोच्च न्यायालय से इन्हें अंतरिम जमानत भी मिल गई।
कोरोना काल में ऑक्सीजन को लेकर हाय तौबा से लेकर शराब कांड के बाद अब स्वाति मालीवाल के साथ घटना…और अब एक नया शिगुफा कि भारतीय जनता पार्टी उन पर हमला करवा सकती है। इसके तार इतने लम्बे जुड़े हैं कि अमेरिका और जर्मनी ने ने इसकी गिरफ्तारी के विरुद्ध आवाज़ उठाई। ख़ालिस्तानियों से जिसे फंड मिल रहा हो, C J I, के मित्र जिनके वकील हों, उन्हें भला अंतरिम बेल क्यों नहीं मिलती? 

वैसे भी क़ानून अंधा है। उन्हें जमानत देने से पूर्व सुप्रीम कोर्ट के जजों ने E D के वकीलों कि दलीलों पर भी ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा। आज तो सुप्रीम कोर्ट के पास V I P लोगों के केसेस सुनने के लिए समय है जबकि अन्य लोगों के लिए नहीं…।


मन में बहुत अफ़सोस होता है किन्तु विवश हैं। यह कैसे नियम हैं कि विधायिका, कार्य पालिका का विरोध कर सकते हैं किन्तु न्याय पालिका का नहीं चाहे वह किसी को भी दोषी बना दे या किसी को भी छोड़ दे। उस पर यह आग्रह कि आप सभी के निर्णय पर विश्लेषण का स्वागत है।


अगर ऐसी ही पार्टियां सत्ता में आईं तो न जाने देश की दशा और दिशा क्या होगी।

Monday, October 7, 2024

भारतीय राजनीति

  वंशवाद और परिवारवाद  भारतीय राजनीति का वह विद्रुप चेहरा है जिसे हम भारतीयों ने ही मान्यता दी है शायद व्यक्ति पूजा कुछ इंसानों की रग -रग में इतनी बस चुकी है कि अब राजा -महाराजाओं की जगह ये ही स्थापित हो गये हैं। सोनिया गाँधी को तो राजमाता की पदवी दे ही दी है, राहुल गाँधी का व्यवहार भी राजकुमार जैसा ही रहा है जिसे सिर्फ देश का प्रधानमंत्री ही बनना है। हो सकता है कि किसी ने उन्हें समझाया हो कि अपोजीशन लीडर का पद भी प्रधानमंत्री के बराबर होता है, इसीलिए उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया होगा।

यही स्थिति उत्तर प्रदेश, बिहार, जम्मू कश्मीर इत्यादि की है। दिल्ली में भी आतिषी ने जैसे C.M. की कुर्सी पर बैठने से मना किया, क्या वह व्यक्ति पूजा का उदाहरण नहीं है?

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने एक कदम आगे बढ़ कर अपने पुत्र दयानिधि स्टालिन को राज्य का उप-मुख्यमंत्री ही बना दिया क्योंकि ये जो जनता है, उसे कुछ फर्क नहीं पड़ता।


यह भारतीय राजनीति का दुर्भाग्य है कि अभी भी हमें सच्चे और ईमानदार नेताओं की परख नहीं है न ही उन्हें देश की प्रगति की चिंता है। वे फ्री बिजली, पानी के लिए किसी को वोट दे सकते हैं तभी 7 दशकों बढ़ भी देश जहाँ खड़ा है, वहीं खड़ा रह गया। अब उम्मीद की कुछ किरण दिखाई देने लगी थी लेकिन लोगों को शायद ये भी रस नहीं आ रही। अखिलेश यादव की पार्टी का लोकसभा चुनाव में कुछ अधिक सीट जितना फिर उत्तर प्रदेश को पीछे न धकेल दे…कभी -कभी लगता है कि ये लोग नहीं चाहते कि देश तरक्की करे।


Wednesday, October 2, 2024

शर्मशार होती मानवता का गुनहगार कौन

 

आज इंसान सहअस्तित्व तथा वसुधैव कुटुंबकम के मूलमंत्र को भुलाकर आचरण या स्वभाव सभ्य नहीं रह गया है। जरा-जरा सी बातों पर क्रोधित होना, तलवारें खींच लेना…उसे मानव से दानव की श्रेणी में ला रहे हैं।

ज़ब यही दानवता दो देशों के मध्य होते युद्ध में दिखाई देती है तो मन कराह उठता है। जिसने युद्ध की विभीषिका को सहा है समझ सकता है कि बेघर होना, अपनों को खोना, मृत्यु से भी अधिक तकलीफ देह है पर ताकत तथा अहंकार के नशे में डूबे, ताकतवर देशों के राजप्रमुखों को युद्ध की विभीषिका झेल रहे मासूम लोगों की दुःख, तकलीफें, क्रन्दन दिखाई नहीं देता। सुरक्षा के घेरे में कैद इन महानुभावों की नजरों में मरने वाले कीड़े -मकोड़े हैं। ये देश अग्नि को बुझाने की बजाय उसमें घी डालने का काम कर रहे हैं।

 एक युद्ध समाप्त नहीं होता दूसरा शुरू हो जाता है। आज दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के मुहाने पर खड़ी है पर किसी को चिंता नहीं है। वे यह भी नहीं सोचते कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं वरन पर्यावरण को प्रदूषित करने के साथ-साथ मानवीय समस्याओं को बढ़ाने, उलझाने वाला होता है।

 इंसान अपनी करनी से मानवता को तो शर्मसार कर ही रहा है, स्वयं के लिए भी खाई खोद रहा है। अगर इंसान अभी भी नहीं चेता तो अंततः उसके लिए भयावह होती स्थिति से निकलना असंभव ही होगा।