मन को मत रोको
मन को मत टोको
उड़ता हे तो उड़ने दो
चलता है तो चलने दो।
यूँ मयूरपंखी सा
कब नाचा मन
इंद्रधनुष सा कब
लहलहाया मन ।
इस पल को पलने दो
इस पल को बहने दो
इस पल को सजने दो
इस पल को महकने दो।
यह पल संजीवनी है
यह पल बंदिगी है
यह पल ज़िंदगी है
यह पल खूबसूरत है।
मन को मत रोको
मन को मत टोको
उड़ता है तो उड़ने दो
चलता है तो चलने दो।