पिछले दो तीन दिन से मन बहुत परेशान हे, बचपन से हम सुनते आये हे कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत एक हे कश्मीर भारत का अभिन अंग हे अगर ऐसा हे तो वहा एक आम हिन्दुस्तानी तिरंगा क्यूँ नहीं फहरा सकता....KAISI अजीब बात हे तिरंगा फहराने वालो को रोकने के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने पूरी ताकत लगा दी....इसका क्या अर्थ निकाला जाये....क्या ऐसा करके हमने देश और दुनिया को यह सन्देश नहीं दिया की कश्मीर हमारे देश का हिस्सा नहीं हे....अगर यह सच हे तो हमारी सेना वहाँ क्या कर रही वह ऐसे देश की रक्षा में क्यों लगी हे जिसे हमारे देश के हुकुमरान अपना मानते ही नहीं हे....अगर ऐसा होता तो वह वहां तिरंगा फहराने जाने वालो को नहीं रोकते, रोकते भी तो उन्हें रोकते जो तिरंगा फहराने का विरोध कर रहे थे....इतिहास ऐसे नेत्रत्व को कभी माफ नहीं करेगा. उन्हें देश को जबाब देना ही होगा विशेषतया उन्हें जिनके पुत्र, पति या भाइयो ने देश के भाल की रक्षा करने में अपना सर्वस्य अर्पित कर दिया....वाह क्या श्रधांजलि दी हे हमने उन्हें....शर्म से हमे मर नहीं जाना CHAHIYE आज TO जय हिंद , जय भारत कहने में भी जबान लड़खड़ाने लगी हे.....
Friday, January 28, 2011
Saturday, January 8, 2011
hatash nirash
कई बार ऐसा होता है की न चाहते हुऐ भी इन्सान जिंदगी से हताश निराश हो जाता हे विभिन्न तरह के विचार आकर उसकी दशा और दिशा बदल देते हे पर वह कोई उपाय नहीं खोज पाता....स्तिथी इतनी अजब गजब हो जाती हे की वह उससे निकलने का सही मार्ग खोजने में असमर्थ रहता हे कुछ ऐसी ही स्तिथि हमारे देश की हे....राजनेताऔ ने अपने स्वार्थ के लिए समाज के इतने टुकड़े कर दिए हे की हमारी अस्मिता ही खतरे में पडा गई हे बचपन से हम सुनते आये हे की कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत एक हे....दुःख होता हे जब कुछ तथागत बूधिजिवियो को भारत का अभिन्न अंग कहलाने वाले कश्मीर के बारे में कहते हुए सुनते हे की वह तो भारत का हिस्सा कभी था ही नहीं....लालचौक पर तिरंगा झंडा फहराने के जज्बे वालौ को आज चुनोती दी जाती की यदि आपके कारण घाटी में कोई समस्या आती हे तो उसके लिए आप ही जिम्मेवार होगे, वहां एक चुनी हुई सरकार हे, कानून व्यवस्था की जिम्मेवारी सरकार की हे, ऐसा कह कर वह देशभक्तों का साथ दे रही या अलगाववादियों का....समझ में यह नहीं आ रहा हे हमारी केंद्रीय सरकार यह सब देख सुन कर चुप क्यों हे....कही इसके पीछे कोई गहरी चाल तो नहीं हे....कही सरकार यह सब किसी के इशारे पर तो नहीं होने दे रही वरना ऐसा क्यों हे की हम अपने ही देश के एक भूभाग पर तिरंगा नहीं फहरा सकते न ही ऐसे लोगो पर कोई कार्यवाही कर पाते जो हमारे देश की अखंडता पर कुठाराघात करता हे....आखिर हम इतने विवश क्यों हे....हमारी सीमाओं पर हमरे वीर सपूत जान की बाजी लगा देते हे पर हम उनकी शहादत को मूल्य समझने को भी तेयार नहीं हे आखिर यह कैसी मजबूरी हे....न जाने कब हमारे राजनेता छुद्र स्वार्थ को तिलांजलि देकर देश हित में सोचेंगे और करेंगे....आज का हताश निराश सामान्य नागरिक गर्वे से एक बार पुनः कह सकेगा हम उस भारत देश के नागरिक हे जहाँ के हर नागरिक के दिल में देश के लिए अथाह प्रेम हे वह मर जायेगा पर अपने देश के टुकड़े नहीं होने देगा....
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