जीवन के
हर पल को
कर स्पंदित,
नूतन आभा से
कर आच्छादित,
नवसंदेश, नवचेतना का
लेकर उपहार,
स्वप्निल सुनहरे
स्वप्नों को
सजाकर अलकों पर,
प्रेम और सदभावना का
फैलाते हुए आँचल
लो आ गया नववर्ष...
शत-शत अभिनंदन,
शत-शत अभिनंदन...
हर पल को
कर स्पंदित,
नूतन आभा से
कर आच्छादित,
नवसंदेश, नवचेतना का
लेकर उपहार,
स्वप्निल सुनहरे
स्वप्नों को
सजाकर अलकों पर,
प्रेम और सदभावना का
फैलाते हुए आँचल
लो आ गया नववर्ष...
शत-शत अभिनंदन,
शत-शत अभिनंदन...