Friday, August 15, 2014

रोना छोड़ो,सोना छोड़ो, आगे क़दम बढ़ाओ ...

आगे क़दम बढ़ाओ रोना छोड़ो,सोना छोड़ो, आगे क़दम बढ़ाओ देश है तुम्हारा तुम इसको चमकाओ । संकल्प तुम्हारा, विश्वास है तुम्हारा, प्रयत्न है तुम्हारा, होगा क्यों न दूर अंधेरा ? ग़रीब मुक्त, अंधविश्वास मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त, बेरोज़गारी मुक्त, हिन्दुस्तान का कर निर्माण आगे क़दम बढ़ाओ...। न डरो, न रूको, आँधी तूफ़ानों में भी बढ़ते चलो यह देश है तुम्हारा तुम इसको चमकाओ...।

Saturday, August 9, 2014

एक सत्य

अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है वहीं क्षमा मित्र, अहंकार के द्वारा हम मित्र को भी शत्रु बना लेते हैं वहीं क्षमा शत्रु को भी मित्र बना देती है अतः अहंकार का दामन छोड़ कर क्षमा को अपनाइये,आपकी बहुत सारी समस्यायें स्वयं ही दूर होती जायेंगी।

Wednesday, August 6, 2014

पलों का नाम है ज़िंदगी

पलों का नाम है ज़िंदगी जीवन का हर पल लिख रहा है इबारत ज़िंदगी की , सज़ा लो इसे या मिटा दो,नियंता हो तुम । मिटा दो भले ही पर मत भूलना,पल मिटते नहीं, शिद्दत के साथ याद आते हैं,अपवाद नहीं हो तुम । मत भूलों यह दुनिया गढ़ी है तुमने निज हस्तों से सहेज नहीं पाये, बिखरने दिया,दोषी हो तुम । नहीं बिगड़ा है कुछ भी, रूके क़दम आगे बढ़ाओ, मज़बूत इरादों के संग, विश्वास बनो तुम । पीछे जो छूट गया, वह अपना था ही नहीं, मोह का छोड़ दामन, निसपृह बनो तुम । टुकड़ा-टुकड़ा बदलेगी तक़दीर , चीर कर अंधकार, प्रकाश बनो तुम ।

ज़िंदगी

अच्छे बुरे पलों का जोड़ है ज़िंदगी
संगीत नहीं, गणित सी कठोर है ज़िंदगी ।

पल कभी टीस देते हैं, कभी ख़ुशी,
घबराना नहीं, बौराना नहीं,निचोड़ है ज़िंदगी ।

सहेजना सदा उन्हीं पलों को जो देते हैं ख़ुशी,
रजनीगंधा सी महकती जायेगी ज़िंदगी ।

ख़ुशियों को बाँटों, हर पल को जिओ,
रुको न कभी,  ख़ुदा की इनायत है ज़िंदगी ।

ज़िंदगी का फ़लसफ़ा गर समझ पाते,
बेगानी नहीं ,अपनी सी, इंद्रधनुषी  सी लगे ज़िंदगी ...।



Monday, August 4, 2014

नींव का पत्थर

नींव का पत्थर  बन
शमा सी जली
हर सुबह औ शाम
हर दिन औ रात...

तृप्ति के अहसास ने
ओस बन जहाँ
शीतलता प्रदान की
वहीं सैकड़ों आपदाओं का
संभाले बोझ
सुलगती रही इस आस में...
शायद कोई उसके
त्याग और बलिदान काे सराहेगा...

किंतु उगते सूरज की
अलौकिक छटा से
चौंधिया गये लोग
गर्वों मुक्त  हो उठे
भूल गये नींव के पत्थर को
जिसकी ठोस ज़मीं पर
भविष्य की इमारत खड़ी है।