Wednesday, April 27, 2011

pariwar

परिवाररूपी  संस्था एक ऐसी संस्था हे जिसकी वजह से संसार कायम हे, हमारे जीवन मूल्य कायम हे....अगर परिवार न होते तो समाज में एक ऐसी अव्यवस्था फैलती की यह संसार रहने लायक ही न रहता....यधपि आज की युवा पीढ़ी आत्माकेंद्रित होती जा रही हे, उनके अपने जीवन मूल्य हे वह अपनी शर्तो पर जीना चाहती पर उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए सनातन मूल्य हर काल और परिस्थितियों में एक रहे हे और रहेंगे,बड़ो का आदर करना छोटो को मान  देना से न केवल स्वयं को मान मिलाता हे वरन परिवार रुपी इकाई को भी बल मिलता हे....अगर समाज को टूटने से बचाना हे तो हमे परिवार को मजबूत करना होगा....               

Saturday, April 23, 2011

man

मन  पर  हमारा अपना ही वश नहीं हे क्यों....हम स्वयं  से ही सदेव क्यों लड़ते रहते हे....क्यों हम अपनी स्तिथि से संतुष्ट रह paate....
       यह सच हे की जो व्यक्ति अपनी स्तिथि से संतुष्ट नहीं होता व्ही  जिन्दगी में आगे बढ़ता हे पर आवश्यकता से अधिक असंतुष्टि व्यक्ति को दुखी ही करती हे अतः नकारात्मक सोच को त्याग कर कर्म करते रहिये आप एक ऐसी आत्मिक संतुष्टि पायेगे की उसके सामने हर दुःख कम लगने लगेगे....   

Wednesday, April 6, 2011

bhrashtachar

अन्ना हज़ारे   ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना संकल्प फिर दोहराया है पर उनका  यह प्रयास सदियो  से चले आ रहे नासूर से मुक्ति दिला पाएगा  शायद नहीं पर फिर भी उनके प्रयास की सराहना हर कोई कर रहा है आखिर  कोई तो है जो समाज मे फैली इस बुराई से मुक्ति दिलाना  चाहता है...और कुछ हो या न हो  कम से कम जन मानस तो आंदोलित होगा अगर ऐसा होता हे तो निश्चय ही उनका मंतव्य पूरा हो जायेगा....उनकी कामना सफल हो भ्रष्टचार पर अंकुश लगे आज हर सच्चे देशवासी की यही चाह हे.....पर यह तभी संभव  है जब हम अपनी एकजुटता दिखाये तथा निरंकुश होती जा रही इस सरकार को झुकने के लिए मजबूर कर दे....जय भारत....

Tuesday, April 5, 2011

world cup

जी हाँ  पिछले कुछ दिनों से  जहाँ देखो वहां बस सब क्रिकेट की ही बाते कर रहे हे....करे भी क्यों न आखिर २८ वर्ष बाद हमारी क्रिकेट टीम वर्ल्ड कप जीती हे....हम सबके लिए गर्व की बात हे....जीत का एक अलग ही नशा होता हे पर दुःख तो यह देख कर होता हे  की पूरा देश ही इन पर धन बरसा रहा हे, लाखो करोडो तो ऐसे दिए जा रहे हे मानो १००o,२००० हो....इतनी ही दिलेरी hum  अन्य खेलो के लिए क्यों नहीं दिखाते क्या उनके त्याग और समर्पण में कोई कमी हे....क्या उन्होंने देश का नाम रोशन नहीं किया....लाखो, karodo का दान देते समय हमारी सरकारे अपने उस नारे को भूल जाती हे....हमारा हाथ गरीबो के साथ....पर यहाँ तो यही नजर आ रहा की सरकार  का हाथ गरीबो के साथ नहीं वर्ना इन क्रिकेटर के साथ हे....इनको न केवल धन दिया जा रहा हे वरन इनके टेक्स भी माफ कर दिए जाते हे....आखिर यह कैसा जूनून हे जिसने इस देश को जकड़ रक्खा हे अगर ऐसा न होता to   किग्फिशेर एयरलाइन वाले  उनके पुरे परिवार के लिए देश विदेश की यात्रा मुफ्त करने की घोषणा न करते....अगर यह जूनून हे तो इश्वर इन्हें सद्बुधी दे की ये प्राप्त धन को किसी चेरिटी के काम  में लगाये....किसी गाव को अपना कर उसे विकास की राह पर ले जाये....या किसी गरीब के बच्चो की पढाई की जिम्मेदारी उठाये....पुरे वर्ष चलने वाले इस क्रिकेट का यह बूखार  एक दिन सबको अपनी चपेट में ले लेगा....कोई नहीं बचेगा दुश्मन हमारे देश पर आक्रमण कर रहा होगा और हम जय हिंद के नारे के साथ उससे लोहा लेने की बजे चौको और   ६क्कों पर तली बजाते-बजाते मौत को गले लगा रहे होंगे....   

Monday, April 4, 2011

nav varsh shubh ho

आज चेत्र  माह का पहला दिन हे अर्थात हिंदी कैलेंडर के अनुसार  आज हमारा नववर्ष पर आज किसे याद हे....क्या हम पाश्चात्य की अंधी नक़ल में अपनी ही संस्कृति की उपेश तो  नहीं करने लगे हे पाश्चात्य को अपनाना बुरा नहीं हे ,बुरा हे अपनी जदो  से कटना....कहते हे जब जागे तभी सबेरा.... आप सब से यही आशा हे की कम से कम अपने नवांकुरो को आज के दिन का महत्व बताते हुए आज के दिन को नए तरीके से मानाने के उपाय बतायेगे वेसे देश के अन्य हिस्सों जिसे महाराष्ट्र में आज का दिन  गुड्डी पर्व तथा दक्षिण में उगादी के नाम से मनाया जाता हे....शुभ नव वर्ष आप सब को....