Monday, April 28, 2025

शर्मनाक घटना

 पहलगाम में हुई घटना बेहद  दर्दनाक, विचलित करने वाली है। धर्म पूछकर, कलमा न पढ़ पाने पर उनकी पत्नी और बच्चों के सामने ऐसी नृशंस घटना कल्पना से भी परे है पर हुई तो है। शायद ही कोई संवेदनशील इंसान इस घटना के पश्चात् चैन की नींद सो पाया होगा। इसका कारण सिर्फ और सिर्फ एक कौम की वह जिहादी मानसिकता है जिसके अनुसार इस धरती पर सिर्फ उन्हें ही रहने का अधिकार है।

द्वि राष्ट्र का सिद्धांत देकर इस जिहादी मानसिकता को  जिन्ना ने परोसा तथा उसके बाद की पीढ़ियों ने इसे पुष्पित एवं पल्लवित ही किया। इसका उदाहरण पाकिस्तानी जरनल आसिम मुनीर का हाल में दिया भाषण है। 


इस मानसिकता को पूरी तरह समाप्त करना इसलिए संभव नहीं हुआ क्योंकि भारत के राजनेताओं ने प्रारम्भ से ही गंगा जमुनी तहजीब की बात की तथा इसे बनाये रखने की हर संभव कोशिश की है। प्रधानमंत्री मन मोहन सिंह ने तो संसद में ही कहा था कि भारतीय संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है।


अल्पसंख्यक…ये अल्पसंख्यक कहाँ हैं कई प्रदेशों में ये बहु संख्यक हैं फिर भी इनका अल्पसंख्यक दर्जा समाप्त नहीं किया आखिर क्यों? 


मोदी जी के आने पर परिस्थितियां बदली हैं। शायद इसी बौखलाहट का परिणाम है पहलगाम अटैक। हमें अगर इस मानसिकता को रोकना है तो पहले भारत में जगह-जगह बने इन पाकिस्तानी पॉकेट और इन जेहादी मानसिकता वालों पर लगाम कसनी होगी लेकिन क्या ऐसा हो पायेगा? वोट के लिए कुछ राजनेता अपने देश की अस्मिता से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूक रहे हैं। इसका उदाहरण ममता बनर्जी हैं और केंद्र सुप्रीम कोर्ट (विधायिका के हर फैसले का परिक्षण) करने के कारण इतना लाचार है कि बंगाल में राष्ट्रपति शासन भी नहीं लगा सकता…


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