Thursday, March 31, 2011

ak sach

जीवन सहज और सरल नहीं होता अगर होता तो जीवन में इतनी परेशानियाँ नहीं होती....क्यों हर पल हमें अहसास दिला जाता हे कि कहीं  तो हमारे जीवन में कुछ तो कमी है, उस कमी को हमें स्वयं  दूर करना है....आखिर कब तक हम ऐसे ही हाथ पर हाथ धरे नहीं बेठे रहेंगे....अगर  हमें  अपनी मंजिल पानी हे तो पत्थरो को तोड़ कर राह  बनानी ही होगी....शायद जीवन की यही  खूबी हमें निरंतर प्रयास करने के लिए प्रेरित  करती  हे और हम बार बार असफलता के घूंट पीकर भी सफलता की कामना के साथ आगे बढ़ते जाते है....सही दिशा में आगे बढ़ने वाला कभी असफल नहीं होता, सच तो यह है प्रयास नहीं करने वाले ही भाग्य  को दोष देते है , सबको काम करने के लिए दिन में २४ घंटे ही मिलते है कोई इनका उपयोग करके अमर हो जाता है  तो कोई गन्दी नाली में पड़े कीड़े की मानिंद, बिना किसी का ध्यान  अपनी ओर आकर्षित किए  इस दुनिया से चला जाता है....अब तुम्हें स्वयं  निर्धरित करना हे तुम्हे कौन सा जीवन चाहिए.....?