Monday, August 29, 2011

आज मेरी माँ को गए दो वर्ष हो गए पर ऐसा लगता हे वह आज भी मेरे आस पास ही हे जब में परेशांन   होती हूँ तो वह  चुपचाप आकर मेरे सर पर हाथ रख कर मुझे दिलासा देती हे...में रोटी हूँ तो उनके हाथ मेरे   आंसू पोंछ देते हे....उनकी बड़ी-बड़ी आँखे आज भी मेरे आने का इंतजार करती हे तथा मेरे जाने की खबर सुनकर उदास हो जाती हे....आज भी वह मेरी मार्गदर्शक हे....मेरी छोटी से छोटी ख़ुशी उनके चहरे पर ख़ुशी तथा मेरा छोटे से छोटा दुःख उनके चहरे  पर उदासी ले आता हे....वह    जहाँ कही भी हो सुखी हो....उनका आशिशो भरा हाथ   हमारे सर  पर हो....यही कामना  हे....