आज मेरी माँ को गए दो वर्ष हो गए पर ऐसा लगता हे वह आज भी मेरे आस पास ही हे जब में परेशांन होती हूँ तो वह चुपचाप आकर मेरे सर पर हाथ रख कर मुझे दिलासा देती हे...में रोटी हूँ तो उनके हाथ मेरे आंसू पोंछ देते हे....उनकी बड़ी-बड़ी आँखे आज भी मेरे आने का इंतजार करती हे तथा मेरे जाने की खबर सुनकर उदास हो जाती हे....आज भी वह मेरी मार्गदर्शक हे....मेरी छोटी से छोटी ख़ुशी उनके चहरे पर ख़ुशी तथा मेरा छोटे से छोटा दुःख उनके चहरे पर उदासी ले आता हे....वह जहाँ कही भी हो सुखी हो....उनका आशिशो भरा हाथ हमारे सर पर हो....यही कामना हे....