Sunday, June 22, 2025

लंच के बहाने

प्रधानमंत्री शाहनवाज खान को दरकिनार कर असिम मुनीर को लंच पर बुलाकर उसको पुचकारना सोची समझी साजिश है बड़बोले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की... उनसे नोबल प्राइज के लिए नोमीनेट करवा कर,मुनीर के गले में पट्टा बाँधने के साथ कहीं  ट्रम्प G7 की मीटिंग छोड़कर इसीलिए तो नहीं आये थे कि वह मोदी जी को भी वहां बुलवा कर ऑपरेशन सिंदूर में मध्यस्थता की अपनी बात को सत्य सिद्ध कर सकें किन्तु मोदी जी के मना करने पर यह संभव नहीं हो पाया वरना उनका मोदीजी को फोन करना, उन्हें बुलाना बेमकसद तो नहीं हो सकता।


अमेरिका ने स्वयंभू बनने के चक्कर में उक्रेन को रूस से युद्ध के लिए तो उकसाया ही, अब इजराइल और ईरान के बीच युद्ध को हवा दे रहा है।

आज तो उसने ईरान के एटॉमिक बेस पर हमला करने का दावा भी किया है।


न जाने क्यों पिछले कुछ दिनों से कवि प्रदीप जी का लिखा गीत मेरे मन मस्तिष्क में गूंज रहा है…


एटम बमों के जोर पर ऐंठी है ये दुनिया, बारूद के ढेर पर बैठी है ये दुनिया…


काश! नीति नियंता सामान्य लोगों के बारे में भी सोचते क्योंकि मरते और सहते तो वही हैं। 



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