Tuesday, September 10, 2024

मोहब्बत की दुकान

 मोहब्बत की दुकान खोलने वाले न जाने राहुल गाँधी देश से और देश के बहुसंख्यकों से इतनी नफरत क्यों करते हैं! 


हिंदू, मुस्लिम, सिखों के बीच सामाजिक समरसता को भंग कर देश में आग लगाने का स्वप्न देखते राहुल गाँधी क्या सचमुच देश का भला करना चाहते हैं?

नहीं... उन्हें किसी तरह सत्ता चाहिए। वह सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं।

अगर ऐसा न होता तो दूर देश में वह चीन की प्रशंसा न करते। बी. जे. पी. और आर. एस. एस. की बुराई करते हुए वह भूल जाते हैं। 78 वर्षो में बी. जे. पी. ने तो सिर्फ 15 वर्ष शासन किया जबकि शेष वर्षो में कांग्रेस या उसकी समर्थित सरकारों ने शासन किया तब देश में सुधार क्यों नहीं कर पाये। तब तो वे सिर्फ अपना बैंक बैलेंस बढ़ाने में लगे रहे। अब ज़ब देश आगे बढ़ने का प्रयास कर रहा है तब ये तथा इनका इंडी अलान्स  राह में कीलें ठोकने का प्रयास रहे हैं।

काश! देश के लोग इनकी विभाजनकारी राजनीती को समझें तथा इनकी मोहब्बत की दुकान को बंद कर दें।

No comments:

Post a Comment