शब्द
शब्द बनें जब तीर
दिल में चुभें
ज्यों नश्तर
चाशनी पगे शब्दों का
कोई मोल नहीं ।
शब्द तुम्हारे पास भी हैं,
मेरे पास भी हैं
मर्म ही न
समझ पाओ शब्दों का
कहने का कोई अर्थ नहीं ।
रिश्ते खुदा की दी नेमत
रिश्तों में छिपे प्यार को
महसूस न कर पाओ
उन रिश्तों का
कोई महत्व नहीं ।
अकेले आये हैं
अकेले ही जायेंगे
जीवन का सत्य यही
कुछ तो करो ऐसा
भूल पाए दुनिया नहीं।
सुधा आदेश
Wah Di wah
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