Sunday, November 10, 2019

सुव्यवस्था ही घर की शोभा है ।

सुव्यवस्था ही घर की शोभा है सुव्यवस्थित घर आपकी कार्यक्षमता में वृद्धि करता है इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती । कल्पना कीजिये आप थके हारे ऑफिस से लौटे हैं, दो क्षण आराम करना चाहते हैं किंतु बेड पर कपड़ों का अंबार हो , चादर ठीक से न बिछी हो तो थकान के बावजूद आप आराम नहीं कर पायेंगे । आपकी झुंझलाहट क्रोध में बदल जायेगी तथा आपका क्रोध घर भर में सबको अस्तव्यस्त कर देगा । यही हालत किचन की है । मान लीजिये आप चाय बनाने जा रही हैं, गैस पर पानी चढ़ा दिया । अब न चीनी का डिब्बा मिल रहा है न चाय का या चाय की पत्ती ही समाप्त हो गई है , अब आपको चाय की पत्ती लेने जाना पड़ेगा तभी चाय बन पायेगी... मेरे कहने का अर्थ है जिसको बनाने में पांच मिनट का समय लगना चाहिये उसमें दस मिनट लगना , या बिना पीये ही रह जाना, आपकी ऊर्जा का ह्रास करेगा साथ ही मूड भी खराब होगा । अगर आपने किचन तथा अन्य आवश्यकताओं में लगने वाले समान की पूरी योजना उचित तरीके से की है, हर चीज रखने की जगह निर्धारित कर ली है तथा उसे उसी जगह रखने की आदत डाल ली है तो विश्वास मानिये आपके काम का समय कम होगा तथा आप अपना समय अन्य कार्यो में लगा सकती हैं । अक्सर मैंने महिलाओं को कहते सुना है क्या करें, समय ही नहीं मिलता ...। हर व्यक्ति को काम करने के लिये चौबीस घंटे ही मिलते हैं अगर आप नियोजित तरीके से काम करें तो कोई कारण नहीं कि आप अपने लिये समय न निकाल पायें । कुछ लोग कहते हैं घर को घर ही रहने दें, उसे शो रूम न बनायें । ऐसा कहने वाले भी किसी मेहमान के आने पर घर को व्यवस्थित करने लगते हैं । जब मेहमान के आने घर व्यवस्थित होने की मानसिकता है तो घर के सभी सदस्यों को अपना सामान निर्धारित स्थान पर रखने की आदत डालकर, थोड़े से प्रयास से घर को सदा व्यवस्थित रखकर अपनी ऊर्जा को बचाना क्या उचित नहीं है ? साफ-सुथरा घर किसे अच्छा नहीं लगता लेकिन सफाई की सनक में घर भर को परेशान करना उचित नहीं है । धैर्य रखें, अच्छी आदत को अपनाने में समय लगता है । कोई माने या न माने , मेरे विचार से सुव्यवस्था ही घर की शोभा है । सुधा आदेश

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