Tuesday, March 15, 2016

जीवन लंबा सीलन भरी गुफ़ा

जीवन लंबा सीलन भरी गुफ़ा अंधेरा घना । रिश्ते छूटे गहरा सूनापन नेत्र पनीले । दास्ताँ ज़िंदगी करमो का लेखाजोखा क्यों भागे मन ? न दे असीस शत वर्ष जीवन सुखी जीवन ।

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