Monday, November 4, 2013
vivah
विवाह के द्वारा दो व्यक्ति न केवल एक मजबूत बंधन में बंधते हे वरन दो परिवार भी बंध जाते हे आपसी समझदारी इस बंधन को मजबूत बनती हे वहीं जरा सी चूक दो दिलो को अलग करने से नहीं चूकती....यधपि आज युवाओं में एक अलग सोच पनप रही है वे विवाह को अपने स्वतंत्र जीवन में बाधा मानने लगे हे पर वे यह भूल रहे हे स्वतंत्रता अच्छी हे पर इतनी भी नहीं कि व्यक्ति मानमर्यादा ही भूल जाये या समाज विरुद्ध आचरण करने लगे...कहने का तात्पर्य यह कि हमारे बुजुर्गो ने जो भी नियम कानून बनाये है वह समाज में एकता और पारस्परिक सदभावना तथा समाज को सुचारूरूप से चलने के लिए बनाये है ...हम सबको उनके बनाए नियमों का पालन करना चाहिए इसी में सबकी भलाई निहित है...
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