Tuesday, June 21, 2011

शब्द दिल को तोड़ते भी हैं, दिलों को जोड़ते भी हैं ...

शब्द दिल को तोड़ते भी हैं, दिल को जोड़ते भी हैं । शब्दों के हेर-फेर से रिश्ते बिगड़ते भी है,संभलते भी है। शब्दों की बात निराली,रीत निराली, शब्दों को समझे बिना, शब्दों का तिलस्म न जान पाओगे बंधु। शब्दों के संग कर यारी करके देखो मित्र, अच्छे-बुरे वक्त में बहुत काम आयेंगे...।

No comments:

Post a Comment