Friday, September 30, 2011

अतीत

अतीत से चिपके रहना बुद्धिमानी नहीं हे कहा भी गया हे कि जो व्यक्ति अतीत से चिपका रहता हे वह जीवन मे कभी उन्नति नहीं कर सकता पर यह भी सच हे अतीत और वर्तमान के अनुभव ही हमे भविष्य की दशा और  दिशा निर्धारित करने मे समर्थ बनाते हे....यदि अतीत कि कठिनाइयो  से इंसान सबक नहीं लेता तो शायद आविष्कार ही न होते। आविष्कार आवश्यकता कि जननी हे अगर ऐसा नही  होता तो आज भी हम आज भी चूल्हे पर खाना बना रहे होते, बेलगाड़ी मे यात्रा कर रहे होते और तो और हमारे घरो मे डिबरियों से ही रोशनी हो रही होती....शिक्षित इंसान का कर्तव्य हे कि वह अपने ज्ञान के प्रकाश से अपने घर का ही अंधेरा दूर न करे वरन दूसरे के घर के अंधरे को दूर करने का प्रयास करे तभी वह सच्चे अर्थो मे समाज की सेवा  कर अपना मानव धर्म निभा पाएगा कार्य के प्रति समर्पित इन्सानो के कारण ही यह दुनिया रहने योग्य बनी हे वरना कुछ लोग तो अपनी करनी से विषबेल बोने की कोशिश मे लगे हे....हमे उनके इरादो को नेस्तनाबूद कर आगे बढ़ना होगा तभी हम विकास कर पाएगे

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