Sunday, November 28, 2010

आज हम नई जिन्दगी में प्रवेश कर रहे हे....एक ऐसी जिन्दगी जिसका दिन निश्चित होता हे....यधपि मेरे पति को अवकाश तो अगस्त में ही प्राप्त हो गया था पर पूर्ण रूप  हम  नई जिन्दगी में दो दिन पूर्व यानि २६ तारीख को प्रवेश किया हे....३८ वर्ष की सर्विस के पश्चात् नई जगह आकर रहना, फिर से घर  बसाना आसन नहीं होता जबकि सारी सुख सुविधाओं से जिंदगी बीती हो....पर कहते हे इंसानी  मन सब कुछ भूल कर सहज हो जाता हे हमारे साथ भी ऐसा ही होगा....शायद समय लगे पर फिर से सब कुछ ठीक हो जायेगा....पुराने दोस्तों को भुलाना  आसान नहीं होता पर आज दुनिया सिमट गई हे यदि इचा हो तो फ़ोन के जरिये हम आपस में सम्बन्ध बनाये रख सकते हे....आज बस इतना ही....        

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