Thursday, June 16, 2011

Takrav

अस्तित्व....मानव जीवन की पूरी लड़ाई अस्तित्व पर ही टिकी हे....दुनिया में जो कुछ भी घट रहा हे या जो भी अनहोनी हो  रही हे वह अपने-अपने अस्तित्व के लिए हे , चाहे यह आपसी संबंधो में या देश दुनिया में हो....अस्तित्व  के लिए कभी-कभी मानव मानवीय गुणों को भी ताक पर रख देता हे....एक दूसरे की भावनाओं की अनदेखी करते तथा अपना मनचाहा न होने पर उसे न जाने  ऐसा क्यों लगने लगता की लोग उसका तिरस्कार कर रहे हे....किसी बात पर असहमत होने का मतलब यह नहीं उसके अस्तित्व  को नकारा जा रहा हे....जो ऐसा सोचते हे वह बहुत बड़ी गलती करते हे....आज की युवा पीढ़ी में तो यह बात आम हे....बड़े अगर किसी बात के लिए डाट देते हे तो उनके अस्तित्व पर बन आती हे....इस सोच के कारण कभी-कभी वे अहितकारी कदम भी उठा लेते हे, पर अपनी इस सोच के कारण उनका ही अहित होता हे....सहनशीलता मानव का एक ऐसा गुण हे जिसको अपना कर इन्सान कभी कोई गलत कदम नहीं उठा   सकता....जो दुसरे के अस्तित्व को मान  देगा उसके अपने अस्तित्व को खरोंच भी नहीं आएगी विश्वास हे मेरा....

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