Monday, September 10, 2018
SUDHA ADESH: कमज़ोर नहीं हैं बेटियाँ
SUDHA ADESH: कमज़ोर नहीं हैं बेटियाँ: हमारी बेटियाँ कमज़ोर नहीं हैं बेटियाँ कमज़ोर बनाते हैं हम उन्हें यह न करो, वह न करो के बंधनों में बाँधकर । लड़कों को तो नहीं टोकते,रोकते ...
कमज़ोर नहीं हैं बेटियाँ
हमारी बेटियाँ
कमज़ोर नहीं हैं बेटियाँ
कमज़ोर बनाते हैं हम उन्हें
यह न करो, वह न करो के
बंधनों में बाँधकर ।
लड़कों को तो नहीं टोकते,रोकते
लड़के हैं ग़लती हो गई,
कर देते हैं सारे गुनाह माफ़...
काश !लडकियों से भी यही कह पाते ।
शरीर को शरीर ही रहने देते
पवित्रता ,अपवित्रता से न जोड़ते,
चिड़िया सा चहचहाने,कोयल सा गुनगुनाने देते,
तब हमारी बेटियाँ कमज़ोर न होतीं ।
सृष्टि की जन्मदातरी,सहनशीलता समाई
जिसकी रग-रग में ,कमज़ोर हो नहीं सकती ,
हमें बदलना होगा,बेटियों के प्रति नज़रिये को
जब नर अपवित्र नहीं तो नारी क्यों ?
सोच बदल पाये गर समाज की हम
दुष्कर्म नारी के लिये कलंक नहीं,
यातना नहीं ,बोझ नहीं, अभिशाप नहीं,
सिरफ हादसा होगा, सिर्फ़ एक हादसा ।
@सुधा आदेश
Wednesday, September 5, 2018
आज शिक्षक दिवस है...उन सभी शिक्षकों जो ज्ञान का प्रकाश फैलने की चेष्टा में सतत प्रयत्नशील है उनको शत-शत नमन...कुछ शब्द उनके और समाज के लिये...
शिक्षा का कोई अंत नहीं,
उम्र का कोई बंधन नहीं,
समय की बाध्यता नहीं...
जन्म से लेकर मृत्यु तक
मानव कुछ न कुछ
सीखता ही रहता है
कभी प्रकृति से
तो कभी आस-पास के परिवेश से...
शिक्षा ऐसा लेन देन है
जिससे लेने वाले की
झोली तो भरती ही है,
देने वाला भी कभी नहीं रीतता...
सच तो यह है
जो इस महादान को
देने और लेने में कंजूसी करता है,
वही अंततः रीतता जाता है ।
@सुधा आदेश
Monday, September 3, 2018
नाग नथैया, कृष्ण कन्हैया
नाग नथैया, कृष्ण कन्हैया,
गाय चरइया, रास रचिया,
कर मुरली साजे, पग पैजनियां बाजे
अब तो आओ दरस दिखाओ
छिपे कहाँ मुरलीधर प्यारे
राह देखे सारा जमाना...
घट-घट छाई घटा मतवाली,
रिमझिम बरस रही बरखा प्यारी,
मुरली की धुन को तरसें सखियां सारी,
अब तो आओ, दरस दिखाओ...
छिपे कहाँ मुरलीधर प्यारे
राह देखें चितचोर तुम्हारी...
चहुँ ओर छाया घना अंधेरा
पग-पग पसरे अजगर चाहें डसना
अब तो है बस तेरा ही सहारा
अब तो आओ दरस दिखाओ
छिपे कहाँ मुरलीधर प्यारे
राह तकती अखियाँ हमारी ...
दिया था तुमने प्यार का संदेश,
लूट खसोट बना जमाने का चलन,
ईमानदारी का नहीं नामोनिशान,
अब तो आओ दरस दिखाओ
छिपे कहाँ मुरलीधर प्यारे
जन-जन की टूटी आस बंधी तुमसे...
जन्माष्टमी की अनेकानेक शुभकामनाएं...
@सुधा आदेश
Wednesday, August 1, 2018
आस है तो जीवन है
रीत गया जीवन
जैसे कोई पुराना घड़ा
घड़ा तो फिर भर जाएगा
रीता जीवन
कैसे भर पायेगा ?
घड़ा तो घड़ा है
निर्जीव है
घुटन ,संताप से दूर है
लोग आयेंगे, प्यास बुझायेंगे
रीते जीवन को
कौन भर पायेगा ?
रीत तो नदिया भी
जाती है
पावस की सुहानी बूंदे
बरस-बरस कर
धरती से गगन का कराती है मिलन
रीती नदिया सैकड़ों बांध तोड़कर
धरा की प्यास बुझा जाती है ।
हे पागल मन
मत हो निराश
स्नेह की नन्हीं-नन्हीं बूँदें
फिर आयेंगी,
सहलाकर तन-मन को
रीते मन को,
रीते जीवन को
प्यार की खुशबू से
भर जायेंगी...
मत भूलना
आस है तो जीवन है ।
@सुधा आदेश
Tuesday, July 31, 2018
रुकना मेरा काम नहीं
रुकना मेरा काम नहीं
मैं जल की बहती धारा, रूकना मेरा काम नहीं
चल सको तो चलो साथ मेरे, मत कहना कहा नहीं ।
जीवन है थोड़ा क्या पाया क्या खोया ,रखा हिसाब नहीं,
कर्तव्य पथ पर चलती रही, पाया कभी विश्राम नहीं ।
कट जायेगा बचा जीवन भी ,रही कोई आस नहीं
साथ मेरे कर्म , दुनिया रूठे आंच नहीं ।
न रहूँ आश्रित किसी के, विश्वास कभी टूटे नहीं
चलना ही जीवन मकसद रहे,डगमगाये कभी कदम नहीं ।
@ सुधा आदेश
Thursday, March 29, 2018
गुलशन नया
गुलशन नया
प्यार और नफरत के मध्य है धुंधला आवरण,
प्यार ने मरने न दिया नफरत ने जीने न दिया ।
प्यार करो दिल की गहराइयों से,
नफ़रत इतनी ही करो दिल में थोड़ी गुंजाइश रहे ।
रहना हमको भी यहीं तुमको भी यहीं,
फिर क्यों नफ़रत में दिन जाया करें ।
दिल से निकालकर नफरतों के नागफ़नी,
आओ मिलें गले सजायें गुलशन नया ।
@ सुधा आदेश
Thursday, March 1, 2018
रंग बरसे, आई होली, हर चेहरे पर हँसी ठिठोली...
आई होली
रंग बरसे, आई होली
हर चेहरे पर हंसी ठिठोली ।
गुझिया बानी, अनरसे बने
दही भल्ले की हॉट लगी ।
चुग-चुग खाये हर घर में
जाति पाति की दीवार ढही ।
रंगे सभी एक ही रंग में
अमीर-गरीब की खाई मिटी ।
रंग लो मन को प्यार के रंग में
रहे न ईर्ष्या द्वेष भाव कहीं ।
हम सब एक ही भारत मां के अंश
समझ लो एक बात सही ।
सब मिलकर रचो विश्व नया
हर दिन होली ,रुंधे न हंसी ठिठोली ।
शुभ होली
@सुधा आदेश
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