माँ जैसा कोई नहीं
माँ जैसा कोई नहीं
वरद हस्त हो माँ का
विपदाओं में भी
अकेला नहीं इंसान ।
अंधेरे कितने भी डराएं
जीवन में आएं
कितने भी झंझावात
हँसकर सह जाता इंसान ।
चक्रवाती तूफानों से मुकाबला करता
तम भी बन जाता रवि
हौसला न खोता इंसान ।
माँ है तो रिश्ते हैं
प्यार है, अपनत्व है
माँ नहीं तो भीड़ में भी
अकेला इंसान ...।
माँ जीवन का अनमोल उपहार
जीवन की पहली मित्र...
गर तेरा मिले आशीष रहे
दौलतमंद है इंसान ।
@सुधा आदेश