Sunday, October 30, 2016

प्रत्येक वर्ष आता है दीप पर्व

प्रत्येक वर्ष आता है दीप पर्व बुराई पर सच्चाई, नफरत पर प्यार की जीत का लेकर सन्देश । प्रत्येक वर्ष हम करते हैं प्रतिज्ञा मन के अंधकार को मिटाने का जन-जन के ह्रदय को ज्ञान के दीप से आलोकित करने का । पर न स्वयं को बदल पाते हैं न सामाजिक वातावरण को इंसान हैं हम पाषाण नहीं फिर विवशता क्यों और किसलिये ? आओ एक कदम तुम बढ़ाओ एक कदम मैं बढ़ाऊं प्यार का एक दीप मैं जलाऊँ एक दीप तुम जलाओ । सीमा पर सैनिक देते पहरा समाज के प्रहरी बनो तुम हर दिल में अपनत्व की रसधार बहे एक मुकम्मल जहाँ ऐसा बनायें । शुभ दीपावली @सुधा आदेश

Tuesday, October 18, 2016

है दीप शिखा

हूँ दीप शिखा चौथ का चाँद खेले आंखमिचौली बेचैन नारी । दिखा चाँद तन-मन हुलासा तपस्या पूर्ण । अजब रीति जली जिसके लिए तोड़े स्वप्न । भग्न हृदय जोड़ना सीखा मैंने हारूँगी नहीं । चलूंगी संग तू है मेरा, मैं तेरी मेरा विश्वास । न ले परीक्षा मोम की नहीं नारी है दीपशिखा । @ सुधा आदेश करवा चौथ की शुभकामनायें...

Tuesday, October 4, 2016

जिस देश के नेताओं की रगों में सिर्फ़ सियासत है, सोच विकृत हो वहाँ इस तरह के आरोप लगेंगे ही । अब तो यही लगता है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता इस देश को ले डूबेगी !!अगर केजरीवाल , संजय निरूपम जैसे नेताओं की नकेल कस दी जाये तो पाकिस्तान विश्व के नक़्शे से स्वयमेव ही मिट जायेगा ।

Saturday, October 1, 2016

1990 मे सयुक राष्ट्र की आम सभा मे 1 अक्तूबर को वृद्ध जन दिवस के रूप मे मनाने की घोषणा हुई थी। इसका उद्देश्य दुनिया भर के वृद्ध जनों की और दुनिया का ध्यान आकर्षित करना था तबसे इस दिन को वृद्ध जन दिवस के रूप मे मनाया जाता है पर लगता है यह दिन भी सिर्फ कागजों में सीमित होकर रह गया है अगर हम और उनके लिए कुछ नहीं कर सकते तो आज के संकल्प ही लें कि हम सदा अपने बुजुर्गो का आदर करेंगे,उनके मानसम्मान को कभी ठेस नहीं पहुंचायेंगे....मत भूलिए वृद्धावस्था अभिशाप नहीं वरदान है जीवन का,अनुभवो से गर सीख न सके निष्फल होगा जीवन अपना.....। इसके साथ ही वृद्ध जनों को भी चाहिए कि वे अपने अनुभवों से भावी पीढ़ी को लाभान्वित करें न कि व्यर्थ टोका-टोकी कर निज संतानों का जीवन दुष्कर बनायें । जब तक वे समय के साथ स्वयं को नहीं बदलेंगे तब तक वह न स्वयं सुखी रह पायेंगे न ही अपने अंशों के साथ न्याय कर पाएंगे । स्वयं भी जियें और दूसरों को भी जीने दें का अगर सिद्धान्त अपना लें तो वृद्धावस्था बोझ नहीं वरन जीवन को जीने का एक नया आयाम सिद्ध होगी ।