पिछले कुछ दिनों से जो कुछ घटा हे उसको देख सुन कर आखे शर्म से झुक जाती हे....ऐसे ऐसे शब्द सुनने को मिल रहे हे एक दुसरे पर इतने दोषारोपण हो रहे हे की लग ही नहीं रहा हे की हम एक सभी समाज में रह रहे हे....क्या भश्ताचार और काले धन के विरुध आवाज उठाना गुनाह हे....तो यह गुनाह एक देशभक्त सदेव करेगा....केवल कतिपय लोगो की खातिर पूरा देश क्यों सजा भुगते ? आखिर किसी को तो आवाज बुलंद करनी ही थी, यह आवाज चाहे गाँधीवादी देशभक्त अन्ना हजारे की हो या धरती से जुड़े योगाचार्य बाबा रामदेव की हो....कुशी होती हे यह देख कर आज इनके साथ पूरा देश खड़ा हे....पाप का घड़ा भर गया हे....बस अब फूटने का इंतजार हे.....
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