शब्द दिल को तोड़ते भी हैं,
दिल को जोड़ते भी हैं ।
शब्दों के हेर-फेर से
रिश्ते बिगड़ते भी है,संभलते भी है।
शब्दों की बात निराली,रीत निराली,
शब्दों को समझे बिना,
शब्दों का तिलस्म
न जान पाओगे बंधु।
शब्दों के संग कर
यारी करके देखो मित्र,
अच्छे-बुरे वक्त में
बहुत काम आयेंगे...।
No comments:
Post a Comment