Wednesday, January 27, 2016

अच्छे बुरे पलों का निचोड़ है ज़िंदगी ...

अच्छे बुरे पलों का निचोड़ है ज़िंदगी 
 संगीत नहीं , गणित सी कठोर है ज़िंदगी । 

 पल कभी टीस देते हैं,कभी देते हैं ख़ुशी 
 घबराना नहीं, बौराना नहीं, निचोड़ है ज़िंदगी। 

 सहेजना उन्हीं पलों को जो देते हैं ख़ुशी 
रजनीगंधा सी महकती जायेगी ज़िंदगी ।

 ख़ुशियों को बाँटो हर पल को जिओ 
रूको न कभी,खुदा की इनायत है ज़िंदगी । 

 ज़िंदगी का फ़लसफ़ा गर समझ पाये दोस्त
  बेगानी नहीं,अपनी सी,इंद्रधनुषी लगेगी ज़िंदगी ।

Monday, January 25, 2016

सुर से सुर मिलायें ...

आओ नमन करें जिन्होंने संविधान बनाया था, सर्व धर्म समभाव सिखाकर पाठ रहना सिखाया था । गांधी नेहरू को हम भूल चुके,सुभाष भी अब याद नहीं, मुँह में राम बग़ल में छुरी, यह तो हमारी संस्कृति नहीं । गौतम बुद्ध , महावीर की कर्मस्थली में गौडसे कभी आदर्श बन नहीं सकता । छिप कर करे जो वार वह कायर है स्वतंत्रता सेनानी है या जेहादी समझना होगा । टुकड़ों -टुकड़ों में बँटकर कोई जी नहीं पाया हम पंक्षी है एक डाल के, समझना होगा । ख़ून चाहे हिंदू का बहे या मुसिलम सिख ईसाई का जिस्म एक है, दर्द सबको होगा । एक साथ एक समाज में रहकर भी साथ न रह पाये, दोष हमारा होगा । नारे भले लगा लें एकता के स्वार्थ गर मन में , भला नहीं किसी का होगा । टुकड़ों -टुकड़ों में बँटा मानव न सिर्फ़ समाज का अपना भी अहित करेगा । बैर भाव त्याग , शत्रु को भी गले लगायें, सुर से सुर मिलायें, चलो आज नया भारत बनायें ।

Saturday, January 23, 2016

आज मोदी सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन पर उनसे संबंधित १०० फ़ाइलें सार्वजनिक की हैं

आज मोदी सरकार द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन पर उनसे संबंधित १०० फ़ाइलें सार्वजनिक की हैं । पूरा देश सच जानने के लिये उत्सुक है पर केवल सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस न जाने क्यों इन फाइलों के सार्वजनिक होने से प्रसन्न नहीं है । उसके प्रवक्ताओं का न्यूज़ चैनल पर बर्ताव देखकर जाने अंनजाने मन में यही आ रहा है कि कहीं न कहीं दाल में काला अवश्य है ।

Wednesday, January 20, 2016

कभी-कभी मन जब बेहद दुखी हो जाता है ...

कभी-कभी जब मन बेहद दुखी हो जाता है तब भावशूनयता की स्थिति उत्पन्न हो जाती है । आख़िर कोई व्यक्ति इतना नृशंस कैसे हो जाता है कि दूसरों का ख़ून बहाकर उसे सुकून मिलता है । माना जो व्यक्ति इन नरसंहार में उनकी बंदूक़ों का शिकार होता है उससे उनका कोई संबंध नहीं होता पर इंसानियत का संबंध तो होता है फिर उनकी चीख़ पुकार क्यों नहीं सुनाई देती ? भगवान / अल्लाह ने इंसान को धरती पर नेक कार्य करने भेजा है फिर यह नरसंहार क्यों ?

Saturday, January 16, 2016

अपनी सोच बदलिये,देश बदलेगा ...

सुना है कांग्रेस के शहज़ादे अपने यू.के टूर से लौटकर एक बार फिर आक्रामक मुद्रा में अा गये हैं तथा मोदी की नीतियों को कोस कर अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं पर कोई उनको बताये कि भारत में कितने लोग यूरोप में छुट्टियाँ मनाने जाते हैं । उनका यूरोप में छुट्टियाँ मनाना सही पर मोदी का विदेश जाना ग़लत । मोदी की तो जनता को पल-पल की ख़बर रहती है पर राहुल की गतिविधियों का किसी को पता नहीं रहता है । राजनेता का जीवन पारदर्शी होना चाहिये...हर बात का केवल विरोध करने के लिये विरोध करना उचित नहीं है । उन्हें समझना होगा कि नकारात्मक बातें सिर्फ़ नकारात्मकता फैलाती हैं , वैसे भी किसी कार्य का विरोध करना बेहद आसान पर बदलाव लाना बेहद कठिन । आप बदलाव लाने का प्रयत्न करिये न कि उसे रोकने के लिये । आज तो आपने प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना स्टार्ट अप पर भी अंगुली उठा दी । आख़िर आप चाहते क्या हैं क्या भारत सदा दीन-हीन ही बना रहे ?

Friday, January 8, 2016

हींग लगे न फिटकरी और रंग भी चोखा

पठानकोट के एअरबेस पर पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमला किया । हमारे सात सैनिक शहीद हुये वहीं मालदा तथा अन्य स्थानों में प्रतिक्रिया स्वरूप नित्य अराजक घटनायें घट रही हैं पर कांगरेस के शहज़ादे अभी यूरोप में छुट्टियाँ ही मना रहे हैं । उम्मीद है छुट्टियों के बाद नव उरजा से भरपूर फिर वह आक्रामक तेवर अपनाकर मोदी सरकार को कोसने से नहीं चूकेंगे । शायद इसीलिये कहा गया है हींग लगे न फिटकरी और रंग भी चोखा ।

Wednesday, January 6, 2016

यह कैसी मानसिकता

पठानकोट के एअरबेस पर कुछ पाकिसतान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा हमला तथा वेस्ट बंगाल के मालदा में घटी घटना हमें बहुत कुछ सोचने को मजबूर करती है । आतंकवादियों द्वारा किये हमले की काट तो हम शायद ढूँढ भी लें पर मालदा में हुये हमले का क्या करें ? वोट बैंक की ख़ातिर हर राजनीतिक दल मुँह सिलकर बैठे हैं और तो और यह हमारे मीडिया की भी ब्रेकिंग न्यूज़ नहीं पाई । जब तक यह भेदभाव समाप्त नहीं होगा भारत को विकास के पथ पर ले जाना असंभव है ।