संगीत नहीं , गणित सी कठोर है ज़िंदगी ।
पल कभी टीस देते हैं,कभी देते हैं ख़ुशी
घबराना नहीं, बौराना नहीं, निचोड़ है ज़िंदगी।
सहेजना उन्हीं पलों को जो देते हैं ख़ुशी
रजनीगंधा सी महकती जायेगी ज़िंदगी ।
ख़ुशियों को बाँटो हर पल को जिओ
रूको न कभी,खुदा की इनायत है ज़िंदगी ।
ज़िंदगी का फ़लसफ़ा गर समझ पाये दोस्त
बेगानी नहीं,अपनी सी,इंद्रधनुषी लगेगी ज़िंदगी ।