Monday, April 23, 2012

जीवन में सब कुछ मनचाहा नहीं होता....कहीं न कहीं समझोते करने ही पड़ते हें अगर कोई सोचता हे कि वह अपनी शर्तो पर जीएगा तो वह जीएगा तो अवश्य पर हो सकता हे वह अकेला पड़ता जाए....और अकेला व्यक्ति न केवल अपने लिए वरन समाज के लिए भी बोझ बनता जाएगा....
दिल तोड़ कर किसी का भला खुश कैसे रह सकता हे कोई
दुआ नहीं तो बददुआ किसी की कभी मत लेना
बढो जीवन में सदा आगे,पर किसी को रोंद कर नहीं
याद सदा रखना यह छोटी सी बात....