Friday, November 19, 2010

jivan ke rang

जीवन जीवन सुख और दुःख का बसेरा हे....शायद ही ऐसा कोई जीवन हो जिसमे सुख दुःख न हो, शायद हम इनके बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते....सच तो यह हे की दोनों ही एक दुसरे के पूरक हे....जीवन में अगर दुख न होगा तो भला हम सुख की आनंददई अनुभूति को जी कैसे पायेगे....सुख ही सुख होगा तो दुःख की भयावता  से कैसे परिचित होंगे....जीवन नीरस तो होगा ही जीवन जीते हुए भी जीवन रस से वंचित रहेंगे. अतः जीवन की धूप  छाव से मत घबराइए बढते चलिए, बढ़ते चलिए जीवन सुखमय बन जायेगा....  &n

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