Saturday, July 25, 2020

शब्द

शब्द 

शब्द  बनें जब तीर
दिल में चुभें 
ज्यों नश्तर 
चाशनी पगे शब्दों का 
कोई मोल नहीं ।

शब्द तुम्हारे पास भी हैं, 
 मेरे पास भी हैं
 मर्म ही न 
समझ पाओ शब्दों का
कहने का कोई अर्थ नहीं ।

रिश्ते खुदा की दी नेमत
रिश्तों में छिपे प्यार को
महसूस न कर पाओ
उन रिश्तों का
 कोई महत्व नहीं ।

अकेले आये हैं 
अकेले ही जायेंगे
जीवन का सत्य यही
कुछ तो करो ऐसा
भूल  पाए दुनिया नहीं।

सुधा आदेश

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