लोन माफ़ी का शोर मचा है
मुफ़्त खाने का रोग लगा है
मेहनत मज़दूरी क्यों करें
सरकार ने हमारा ठेका लिया है ।
कोई मेहनत करे, कोई ऐश करे
ज़माने का शग़ल समझ में आता नहीं,
तरक़्क़ी कैसे करेगा यह देश
जब अपाहिजों की क़तार लगी ।
अभी न संभले तो कभी न संभलेंगे
दूसरों पर क्यों,स्वयं पर करो यक़ीं
मेहनत करेंगे हाथ,किस्मत अवश्य बदलेगी
मानो न मानो लाख टके की है बात ।
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