Thursday, March 29, 2018

गुलशन नया

गुलशन नया 

 प्यार और नफरत के मध्य है धुंधला आवरण,
 प्यार ने मरने न दिया नफरत ने जीने न दिया । 

 प्यार करो दिल की गहराइयों से, 
नफ़रत इतनी ही करो दिल में थोड़ी गुंजाइश रहे । 

 रहना हमको भी यहीं तुमको भी यहीं, 
फिर क्यों नफ़रत में दिन जाया करें । 

 दिल से निकालकर नफरतों के नागफ़नी,
 आओ मिलें गले सजायें गुलशन नया । 

 @ सुधा आदेश

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