जी हाँ पिछले कुछ दिनों से जहाँ देखो वहां बस सब क्रिकेट की ही बाते कर रहे हे....करे भी क्यों न आखिर २८ वर्ष बाद हमारी क्रिकेट टीम वर्ल्ड कप जीती हे....हम सबके लिए गर्व की बात हे....जीत का एक अलग ही नशा होता हे पर दुःख तो यह देख कर होता हे की पूरा देश ही इन पर धन बरसा रहा हे, लाखो करोडो तो ऐसे दिए जा रहे हे मानो १००o,२००० हो....इतनी ही दिलेरी hum अन्य खेलो के लिए क्यों नहीं दिखाते क्या उनके त्याग और समर्पण में कोई कमी हे....क्या उन्होंने देश का नाम रोशन नहीं किया....लाखो, karodo का दान देते समय हमारी सरकारे अपने उस नारे को भूल जाती हे....हमारा हाथ गरीबो के साथ....पर यहाँ तो यही नजर आ रहा की सरकार का हाथ गरीबो के साथ नहीं वर्ना इन क्रिकेटर के साथ हे....इनको न केवल धन दिया जा रहा हे वरन इनके टेक्स भी माफ कर दिए जाते हे....आखिर यह कैसा जूनून हे जिसने इस देश को जकड़ रक्खा हे अगर ऐसा न होता to किग्फिशेर एयरलाइन वाले उनके पुरे परिवार के लिए देश विदेश की यात्रा मुफ्त करने की घोषणा न करते....अगर यह जूनून हे तो इश्वर इन्हें सद्बुधी दे की ये प्राप्त धन को किसी चेरिटी के काम में लगाये....किसी गाव को अपना कर उसे विकास की राह पर ले जाये....या किसी गरीब के बच्चो की पढाई की जिम्मेदारी उठाये....पुरे वर्ष चलने वाले इस क्रिकेट का यह बूखार एक दिन सबको अपनी चपेट में ले लेगा....कोई नहीं बचेगा दुश्मन हमारे देश पर आक्रमण कर रहा होगा और हम जय हिंद के नारे के साथ उससे लोहा लेने की बजे चौको और ६क्कों पर तली बजाते-बजाते मौत को गले लगा रहे होंगे....
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