परिवाररूपी संस्था एक ऐसी संस्था हे जिसकी वजह से संसार कायम हे, हमारे जीवन मूल्य कायम हे....अगर परिवार न होते तो समाज में एक ऐसी अव्यवस्था फैलती की यह संसार रहने लायक ही न रहता....यधपि आज की युवा पीढ़ी आत्माकेंद्रित होती जा रही हे, उनके अपने जीवन मूल्य हे वह अपनी शर्तो पर जीना चाहती पर उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए सनातन मूल्य हर काल और परिस्थितियों में एक रहे हे और रहेंगे,बड़ो का आदर करना छोटो को मान देना से न केवल स्वयं को मान मिलाता हे वरन परिवार रुपी इकाई को भी बल मिलता हे....अगर समाज को टूटने से बचाना हे तो हमे परिवार को मजबूत करना होगा....
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