Friday, November 22, 2019

वेनिस... फिल्मी कैनवास जैसा एक खूबसूरत शहर

वेनिस... फिल्मी कैनवास जैसा के खूबसूरत शहर ‘समंदर पर खड़ी एक शानदार नगरी जिसकी बहती और बल खाती लहरें, उसकी सड़कें और तंग गलियाँ हैं और जिसके खारे जल की जड़ी उसके महलों के संगमरमर से जा लिपटती हैं ।’ अंग्रेज कवि सैमयल रॉजर्स ने सन् 1822 में कहा था । आखिर हम अपने गंतव्य स्थल वेनिस पहुँच गये । एक शहर जो पानी में तैरता है , फिल्मी कैनवास जैसा लगता है, जिसकी फिजाओं में रोमांस गूँजता है, ऐसी है यह शानदार नगरी वेनिस । सैकड़ों वर्ष पुराना आर्किटेक्चर, पानी से भरी संकरी गलियाँ, तैरती किश्तियाँ, छोटे-छोटे दीपों को जोड़ते खूबसूरत पुल, लजीज वेनिशियन खाना, सैलानियों की भीड़, सचमुच ख्वाबों की नगरी है वेनिस...। वेनिस क्रूसी टर्मिनल से वाटर शटल से हमें सेंट मार्क स्कावयर जाना था । इसमें लगभग 45 मिनट लगने थे । इस बीच मैं वेनिस के बारे में जानने के लिये यात्री बुकलेट पढ़ने लगी... वेनिस इटली की उत्तरी पूर्वी सीमा पर स्थित वेनिटो रीजन की राजधानी है जो एडिफयाटिक सागर में स्थित है । इटेलियन और वेनीशियन भाषाओं में इसका नाम लागुना वेनेटा झील है । कहा जाता है कि वेनिस का निर्माण रोमन सभ्यता के पतन के बाद हुआ था । यह 118 छोटे-छोटे आइसलैंड को मिलाकर बना है । ये आइसलैंड कैनालों द्वारा अलग-अलग हैं तथा 400 छोटे-छोटे पुलों से जुड़ा है । इस शहर की संरचना इतनी अनूठी है कि मुख्य वेनिस छह सौ वर्षो से लगभग वैसा ही है । पानी में एक आईलैंड की तरह तैरते शहर की खूबसूरती किसी को भी आकर्षित कर सकती है । पानी में तैरते द्वीप की तरह लगने वाला यह शहर कई मायनों में अपनी प्राकृतिक छटा और खूबसूरती के कारण दुनिया के अन्य शहरों से अलग है । इस शहर में करीब 120 द्वीप हैं । उनके बीच नहरें हैं, पुल हैं । इस शहर को या तो नावों से घूमा जा सकता है या पैदल । यहाँ स्थित हर घर का दरवाजा पानी में खुलता है । घर के बाहर ही नाव रहती है जिसके द्वारा आवागमन होता है । वेनिस यूरोप का सबसे बेस्ट सिटी है । यह शहर कभी सोता नहीं है । लोगों की आवाजाही यहाँ सदैव लगी रहती है । पूरी तरह पानी पर बसा यह शहर सैलानियों में इतना लोकप्रिय है कि ढाई लाख से कम आबादी वाले शहर में हर वक्त कम से कम 50,000 पर्यटक हमेशा मौजूद रहते हैं । गलियों के अतिरिक्त यहाँ पर सड़कों की भूमिका में नहरें हैं, जिनमें नाव चलती हैं जिन्हें गोंडोला कहते हैं । इन नहरों पर चार सौ पुल बने हैं जो शहर के एक छोर को दूसरे सिरे से जोड़ते हैं । नहरों के किनारे आलीशान इमारतें बनी है जो प्राचीन वेनिस की याद दिलातीं हैं । ये इमारतें दलदली भूमि पर बनी हैं जो लकड़ियों के सहारे टिकी हुई हैं । वेनिस की सबसे बड़ी नहर ग्रांड नहर एस शेप में है जो पूरे शहर को दो भागों में बाँटती है । ढाई मील फैली यह नहर सोलह फीट गहरी है । यहाँ की एक गली को दुनिया की सबसे पतली गलियों में शुमार किया जाता है जिसकी चैड़ाई 53 सेंटीमीटर है । प्रत्येक वर्ष वेनिस में डेढ़ करोड़ टूरिस्ट आते हैं । दुनिया की पहली गे्रजुएट महिला एलेना लुक्रजिया कोरनारो पिस्कोपिया जिसका जन्म 1646 में हुआ था, वेनिस की रहने वाली थीं । वह 25 जून 1678 में ग्रेजुएट हुईं । दुनिया का पहला पब्लिक कैसीनो वेनिस में 1638 में बना । वेनिस में व्यापार और आवागमन के लिये गोडोला बोट के जरिये होता है । गोंडोला बोट 35॰5 फीट लंबी तथा 4ण्5 फीट चैड़ी होती हैं । इनका वजन 1,500 700 किलोग्राम होता है । ये आठ तरह की लकड़ी...लाइम,ओक,वालनट,चेरी, फीर, लार्च, एलम, महागोनी के 280 हाथसे बने टुकड़े से बनाई जाती है । इसको बनाने में लगभग दो महीने लगते हैं । एक गोंडोला वोट की कीमत 38,000 यूरो आती है । जैसे-जैसे हमारी शटल आगे बढ़ रही थी, समंदर के दोनों किनारों पर सालों पुरानी ऐतिहासिक इमारतें दिखाई देने लगीं जो तेरहवां से अठारवीं शताब्दी के दौरान बनाई गई थीं । खाना खाते हुये लंच समाप्त होते ही हमारा गंतव्य भी आ गया । हम शटल से सेंट मार्क स्कावयर पर उतरे तथा सबसे पहले संत मार्क बैसीलिका, मुरेनो ग्लास फैक्टरी देखने गये । मुरेनो ग्लास फैक्टरी के प्रवेश द्वार से अंदर प्रवेश करते ही एक हाॅल आये । इस हाॅल में एक बड़ा सा शीशे का घोड़ा रखा हुआ था । आगे बढ़े तो एक छोटे से कमरे में दस पंद्रह मिनट के शो के द्वारा बताया जा रहा था कि कैसे शीशे को पिघला कर मूर्तियाँ बनाई जाती हैं । इसके बाद साथ ही बने शो रूम में 24 कैरेट सोने के काम के बने बहुत मंहगे फूलदान, वाइन ग्लास, काफी सेट ज्यूलरी सेट के अलावा कुछ गिफ्ट आइटम भी देखे । वेनिस का मुरानो बीडस, या वेनेशियन ग्लास दुनिया भर में मशहूर हैं । एक और दीप बुरानो में में लेस और कढ़ाई का काम होता है । वैसे तो इटली का हर शहर मंहगा है लेकिन वेनिस यूरोप का सबसे मंहगा शहर है । किसी भी सामान की यूरो में कीमत को, रूपये में कनवर्ट करने पर खरीदने की हिम्मत नहीं होती । हम फैक्टरी से बाहर निकलकर थोड़ा आगे बढ़े तो अचानक पानी बरसने लगा । हम वहीं किनारे शेड में बैठ गये । देखा बहुत सारी कुर्सी पड़ी थीं वहाँ कोई शो होने वाला था । छाता हमारे पास नहीं था अतः हमने पाँच यूरो में एक छाता खरीदा वरना वहीं बैठे रह जाते । सामने बहुत बड़ी इमारत दिखाई दे रही थी । हमें बताया गया कि यह इस शहर का प्रसिद्ध रोमन कैथोलिक सेंट बैसीलिका कैथेड्रल चर्च है । यह इटालियन बीजान्टिन आर्कीटेक्ट का बेहतरीन उदाहरण है । यह चर्च पियाजा सेन मार्को के पूर्वी भाग में स्थित है तथा डोज पैलेस से मिला हुआ है । यह ग्यारहवीं शताब्दी से वेटिनीटियन धन और शक्ति का प्रतीक बना हुआ है । इसको सोने का चर्च भी कहा जाता है । आज की इस इमारत का निर्माण 1063 में हुआ था । समय पर इसमें बहुत परिवर्तन हुये किन्तु इसकी मूल आंतरिक संरचना वैसी ही है । कैथेड्रल के अंदर दसवीं शताब्दी में बनी संत माइकेल की सोने के पानी चढ़ी भव्य मूर्ति है । इसके अंदर बने डोम में उकेरी कलाकृतियाँ बेहतरीन आर्ट का अनुपम उदाहरण है । इस चर्च के ऊपर वेनिस के प्रतीक एवं संरक्षक संत मार्क की मूर्ति है तथा इसके नीचे शेर की पंख वाली सुनहरे रंग की मूर्ति है । यह संत और वेनिस का प्रतीक चिन्ह है । इस चर्च का पश्चिमी बाहरी भाग तीन भागों में बंटा है । सेंट मार्क बैसीलिका की बालकनी में घोड़े के जोड़े बने हुये हैं । घोड़े की मूर्तियाँ 1204 में लगीं थीं । नेपोलियन द्वारा इन्हें 1797 में पेरिस ले जाया गया किन्तु 1825 को इन्हें वेनिस को लौटा दिया । इनकी मरम्मत कर 1970 में इन्हें सेंट मार्क के म्यूजियम में रख दिया गया । कैथेड्रल में आज पीतल की बनी इनकी प्रतिकृति रखी हुई है । चर्च के बायीं ओर स्थित माक्र्स क्लाॅक टावर दर्शकों के आकर्षण का केंद्र है । यह वेनिस के पुनःजागरण काल का बेहतरीन नमूना है । इसमें लगी घड़ी पंद्रहवीं शताब्दी की है । इसकी मैकेनिज्म में समय--समय पर सुधार हुये । यह घड़ी ऐसी जगह स्थित है जो दूर से दिखाई देती है तथा वेनिस की ऐश्वर्य और प्रसिद्धि की परिचायक है । इसमें स्थित सीढ़ियों द्वारा इसकी छत तक पहुँचा जा सकता है । इस चौक में 323 फीट ऊँचा एक बेल टावर तथा और दो खूबसूरत कालम पर लायन आफ वेनिस की मूर्ति और हाथ में भाला लिये खड़े सेंट थियोडोर खड़े हैं । सेंट मार्क स्क्वायर के पास ही डाज पैलेस और कोरेर म्यूजियम है । वेनिस की खूबसूरती के बीच यह भी एक सच है कि यह सिटी हर वर्ष 0.8 से लेकर 1 मिलीमीटर तक समुद्र में समा रहा है । डोकाल पैलेस में सत्रहवीं शताब्दी तक अपार्टमेंन्ट, शहर के कोर्टरूम तथा जेल थी जो ‘ ब्रिज आफ साई ’ ( दुख का पुल ) से डोज पैलेस से जुड़े थे । अब डोकाल पैलेस वेनिस नेटवर्क के सिविक संग्रहालय का हिस्सा बन गया है । वेनिस में बहुत सारे पुल हैं जो बारोक वास्तुकला से बने हैं पर इनमें 1600 में बना रोमांटिक ब्रिज आफ साई है । इसे एन्टोनियो मारिया द्वारा डिजाइन किया गया है । सफेद पत्थर से बना यह पुल रियो दि प्लाजो से गुजरता हुआ न्यू प्रिजन से जुड़ता है । न्यू प्रिजन से इसके द्वारा डोज पैलेस में स्थित कैदियों से पूछताछ वाले कमरे तक पहँुचा जा सकता है । इसे दुख का पुल शायद इसलिये कहा जाता है कि कैदी इस पुल से गुजरते हुये आखिरी बार वेनिस के सौन्दर्य को देख पाते हैं । यह 36 फीट चैड़ा है । पास से देखेंगे तो पायेंगे कि इसकी बाहरी संरचना में कई चेहरे बने हैं जिनमें एक को छोड़कर सभी उदास हैं । यह कहा जाता है कि खुश चेहरे वाली मूर्ति इस पुल की अभिभावक है । कहा जाता है गोन्डोला राइड के समय जो युगल इस पुल के नीचे से गुजरते हुये किस करता है उसका प्यार और खुशी अनंत काल तक रहती है । हमने भी गोंडोला राइड की । पुलों के नीचे से गुजरती यह राइड बेहद रोमांचक थी । तीसरी शताब्दी में रोमन राज्य को स्थिर रखने के लिये राजा डिओसेलेटियां ने अपने अधीनस्थ चार शासक के नियम को लागू किया । उनकी स्मृति में इन चार राजाओं का प्रतीक एक चार मुख वाली मूर्ति इस बैसीलिका के दक्षिणी पश्चिमी भाग में लगाई गई है । शाम हो रही थी । हमें शटल से वापस लौटना था । अंततः खूबसूरत यादों को दिल में बसाये हम अपने होटल लौट आये । सुधा आदेश

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