Tuesday, April 14, 2015

ज़िंदगी

अच्छे बुरे पलों का जोड़ है ज़िंदगी संगीत नहीं गणित सी कठोर है ज़िंदगी । पल कभी टीस देते हैं, कभी ख़ुशी घबराना नहीं,बौराना नहीं,निचोड़ है ज़िंदगी । सहेजना उन्हीं पलों को जो देते हैं ख़ुशी रजनीगंधा सी महकती जायेगी ज़िंदगी । ख़ुशियों को बाँटो,हर पल को जिओ रूको न कभी,खुदा की इनायत है ज़िंदगी। ज़िंदगी का फ़लसफ़ा गर समझ पाते बेगानी नहीं,अपनी सी,इंद्रधनुषी लगेगी ज़िंदगी । सुधा आदेश

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