SUDHA ADESH
Tuesday, July 5, 2011
jivan
जीवन दो पल का,
उसमे सिमटती सारी व्यथाये ,
आशाये , निराशाये ,
कब और कहाँ ,
क्यों और कैसे,
प्रशन निरर्थक ,
शेष सिर्फ यादे.
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