Wednesday, August 14, 2024

याद करें कुर्बानी

 याद उन्हें भी कर लें 


आज विभाजन विभीषिका दिवस 

कल स्वतंत्रता दिवस 

स्वतंत्रता तो हमने पा ली 

कीमत भी बहुत चुकाई…


आजादी का जश्न मना 

सत्ता भी पाई

करोड़ों ने आहुति दी 

मौज कुछ की ही आई।


देश के दो टुकड़े हुए 

दिलों में दरार पड़ी

लाखों बेघर हुए 

खेली खून की होली। 



आज भी वे ढूंढ़ रहे हैं  पहचान निज की 

सुलग रही आज हर दिल में नफरतों की चिंगारी।


सत्ता के लिए देश के आमजन को धर्म,

बहुसंख्यक,अल्पसंख्यक, अनेक जाति प्रजातियों में  बांटा।

आरक्षण की बाजी चली।


नहीं दिए समान अधिकार

देश का गौरव मातृभाषा, 

स्वार्थो में लिप्त जन-जन 

लुप्त हुई भावना देशभक्ति की।


77 वर्ष कम नहीं होते 

सुधरें, सुधारें...

ईर्ष्या द्वेष को देकर तिलांजलि 

याद कर अनाम शहीदों को 

आज शपथ लें  

बढ़ायेंगे शान तिरंगे की।



© सुधा आदेश 


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