Monday, June 17, 2019

बेटियाँ

मेरी छोटी सी गुड़िया बड़ी हो गई छोड़कर दामन मेरा खड़ी हो गई । तोतली बोली से जो मुझे लुभाती थी कल तक मचलती थी छोटी-छोटी बातों पर, चाहतों को कैद कर सब्र हो गई ... मेरी छोटी सी गुड़िया छोड़कर दामन मेरा स्वतंत्र हो गई । स्वप्न आंखों में तिरने लगे हैं पग भी अब थिरकने लगे हैं लक्ष्य प्राप्त करने की धुन में वज्र हो गई... मेरी छोटी सी गुड़िया बड़ी हो गई छोड़कर दामन मेरा व्यस्त हो गई । स्वप्न पूरे हुए,लब गुनगुनाने लगे हैं पग थिरक-थिरक कर नया संसार रचाने लगे हैं मन की बगिया हरी भरी हो गई । मेरी छोटी सी बिटिया बड़ी हो गई छोड़कर दामन मेरा पतंग हो गई । स्वप्न पूरे हों,जिओ तुम अपनी जिंदगी, दुआओं का गुलदस्ता लिये साथ में मेरे घर की रौनक,अब दूसरे घर की रौनक बन गई... मेरी छोटी सी गुड़िया बड़ी हो गई छोड़कर दामन मेरा मगन हो गई । सुधा आदेश

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