जज़्बातों की दुनिया है अजीब
कभी हँसाते तो कभी रूलाते हैं जज़्बात ।
मन में कुछ और जुबां में कुछ और
अच्छे-अच्छों को बेबकूफ बनाते हैं जज़्बात ।
खुदा ने दी नेमत इंसा को जज़्बातों की
इंसा का देखो कैसे मख़ोल बनाते हैं जज़्बात ।
मत भूलो देख रहा है सारा ज़माना
घडियाली मुखौटा उतरेगा, ओस नहीं हैं जज़्बात ।
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