Thursday, October 17, 2013

पुष्प ( बारह वर्ष की उम्र में लिखी मेरी पहली कविता जिसे बाल कवि प्रतियोगिता में सांत्वना पुरुस्कार मिला था )

यवनिका की ओट में एक पुष्प मुस्करा रहा तभी झोंका एक आया वायु का, पुष्प की पंखुड़ियाँ हो गई विलग, अपनी इस दुर्दशा पर होकर व्यथित लगा सोचने... हे ईश्वर! न दे किसी को ऐसा सौन्दर्य, घमंड जो हो क्षणभंगुर... ।

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