आतंकवाद और नक्सलवाद देश और दुनिया के लिये गंभीर समस्या बनते जा रहे हैं...देश के विकास में तो ये संगठन बाधक हैं ही, जनमानस के दिलों नफ़रत के बीज भी बो रहे हैं,आख़िर नफ़रत से किसका फ़ायदा होगा...उनका जो ख़ून की होली खेल रहे हैं या उनके आकाओं का...शायद किसी का भी नहीं क्योंकि नफ़रत से सिर्फ़ नफ़रत ही पैदा होती है, दुख तो इस बात का है कि हमारा ही नहीं दुनिया का राजनीतिक नेतृत्व भी इनके सामने पंगु हो गया है...न जाने क्या होगा इस देश और दुनिया का...
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