Friday, June 2, 2023

एक प्रश्न


राहुल गाँधी देश के बाहर भी देश के लोकतान्त्रिक स्वरुप पर अंगुली उठा रहे हैं। पता नहीं उन्हें नरेन्द्र मोदी से नफरत है या उन्हें भारत का विकास अच्छा नहीं लग रहा है। देश से प्यार करने वाला कभी भी भारत जाकर देश की संस्थाओं की बुराई नहीं करेगा।

उनकी भारत जोड़ो यात्रा में भी राहुल गांधी का बार -बार सेना को दोष देना, आरएसएस तथा मोदी के दो दोस्तों को कोसना…वह भी ऐसे दोस्त जो लाखों करोड़ों को रोजगार दे रहे हैं, भारत की प्रगति में जिनका अमूल्य योगदान है को पिछले साथ वर्षों से कोसना समझ से परे है। इसके साथ ही पकोड़े बनाकर अपनी जीविका चलाने वालों के प्रति भी असंवेदनशील रवैया अपनाना क्या उचित है। उनका तथा उनके पेशे को. लांक्षित करना तो उचित नहीं, किन्तु जो चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए हों वे श्रम का. महत्व क्या जाने। शायद वे नहीं जानते कि इन मेहनतकश इंसानों में वह ताकत है कि वे रेत को भी सोना बना सकते हैं।


 जहाँ तक रोजगारी और मंहगाई का प्रश्न है वह सिर्फ भारत में ही नहीं पूरी दुनिया ही उससे परेशान है। समस्या का हल सुलझाने की बजाय सात वर्षों से वे एक ही रट लगाए हुए हैं। 


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