Friday, July 12, 2019

बच्चों को मस्ती आई

पानी बरसा रिमझिम-रिमझिम गर्मी भागी, मौसम ने ली अंगड़ाई बच्चों को मस्ती आई बाहर निकलें, खेलें खेल... घर-घर से आवाज आई । अब न कोई रोकेगा, अब न कोई टोकेगा भरा पानी घर के आंगन में, चलो कागज की नाव बनायें दूर कहीं सैर को जायें । बारिश का यह मौसम अलबेला सबके मन को भाता, ठंडी-ठंडी बहती बयार पशु, पक्षी को दुलराती मधुर कोमल संगीत सुनाती । सूखी धरती,सूना उपवन, ओढ़ धानी चुनरिया, कल-कल बहती नदिया खुशियों से ले रही हिलोरें धरती पर नव जीवन छाया । खाएंगे अब गर्मागर्म पकोड़े साथ में हलवा, गर्म समोसे माँ को अपनी पसंद बतायें बारिश के मौसम का आओ हम आनंद उठायें ।

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