अच्छे बुरे पलों का जोड़ है ज़िंदगी
संगीत नहीं, गणित सी कठोर है ज़िंदगी ।
पल कभी टीस देते हैं, कभी ख़ुशी,
घबराना नहीं, बौराना नहीं,निचोड़ है ज़िंदगी ।
सहेजना सदा उन्हीं पलों को जो देते हैं ख़ुशी,
रजनीगंधा सी महकती जायेगी ज़िंदगी ।
ख़ुशियों को बाँटों, हर पल को जिओ,
रुको न कभी, ख़ुदा की इनायत है ज़िंदगी ।
ज़िंदगी का फ़लसफ़ा गर समझ पाते,
बेगानी नहीं ,अपनी सी, इंद्रधनुषी सी लगे ज़िंदगी ...।
संगीत नहीं, गणित सी कठोर है ज़िंदगी ।
पल कभी टीस देते हैं, कभी ख़ुशी,
घबराना नहीं, बौराना नहीं,निचोड़ है ज़िंदगी ।
सहेजना सदा उन्हीं पलों को जो देते हैं ख़ुशी,
रजनीगंधा सी महकती जायेगी ज़िंदगी ।
ख़ुशियों को बाँटों, हर पल को जिओ,
रुको न कभी, ख़ुदा की इनायत है ज़िंदगी ।
ज़िंदगी का फ़लसफ़ा गर समझ पाते,
बेगानी नहीं ,अपनी सी, इंद्रधनुषी सी लगे ज़िंदगी ...।
No comments:
Post a Comment