SUDHA ADESH
Friday, November 8, 2013
जीवन
जीवन दो पल का, उसमें सिमटती सारी व्यथाये, आशाये और निराशाये, कब और कहाँ, प्रश्न निरर्थक, शेष सिर्फ यादें...।
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment